महिला ने डंडी कंडी के सहारे 12 किमी की दूरी तय की, लकिन सीएचसी पहुंचने के पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया।
सिल्लीखड्ड-कुनैन मोटर मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बीते आठ दिन से बंद है। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर झबराड़ निवासी बुजुर्ग महिला संतो देवी (65) और कुनैन सैंज निवासी मुंशी देवी (75) को ग्रामीणों को डंडी कंडी के सहारे 12 किमी की दूरी तय कर राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंचाया। दोनों को निजी वाहन से सीएचसी चकराता लाया गया, जहां संतों देवी को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। झबराड़ निवासी संतो देवी बुखार से ग्रस्त थी।
शुक्रवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। ग्रामीण उन्हें डंडी कंडी के सहारे 12 किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग तक लाए। ग्रामीणों का आरोप है कि इमरजेंसी एबुलेंस भी समय से नहीं आई। निजी वाहन से बीमार महिला को सीएचसी चकराता पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उधर कुनैन सैंज निवासी पूर्व प्रधान अतर सिंह की माता मुंशी देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई। ग्रामीण डंडी कंडी पर बैठाकर बीमार बुजुर्ग महिला को राष्ट्रीय राजमार्ग तक लेकर आए, जहां से उन्हें एक निजी वाहन से सीएचसी चकराता लाया गया।
बीमार लोगों को सबसे अधिक परेशानी
अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य नरेश चौहान, ग्राम प्रधान पप्पू राणा, अजीत राणा, यशपाल राणा, मंजीत सिंह ने बताया कि आठ दिन से मोटर मार्ग बंद है, लेकिन लोनिवि बंद मोटर मार्ग की सुध नहीं ले रहा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कुनैन नरेश चौहान ने कहा कि समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण संतो देवी की मृत्यु हुई है।12 से 15 किमी है गांवों से राजमार्ग की दूरी : सिल्लीखड्ड-कुनैन मोटर मार्ग से 10 गावों की करीब तीन हजार की आबादी चकराता मसूरी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी है।
इसमें सैंज, कुनैन, अमराड़, झबराड़, कुताड़, खरोड़ा आदि गांव शामिल हैं। 29 अगस्त को बारिश के बीच पहाड़ से मलबा और बोल्डर आने से मोटर मार्ग जगह-जगह से बंद हो गया था। कई स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त भी हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग से इन गांवों की दूरी करीब 12 से 15 किमी है। लोगों को चकराता, विकासनगर, देहरादून जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग तक पैदल ही आना पड़ रहा है। खासकर बीमारों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
लोक निर्माण विभाग अस्थायी खंड के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि त्यूणी-चकराता-मसूरी-मलेथा-राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से सिलीखड्ड कुनैन मोटर मार्ग पर जेसीबी को नहीं भेजा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारु होते ही दो जेसीबी को मोटर मार्ग से मलबा और बोल्डर हटाने के लिए भेजा जाएगा। कुछ स्थानों पर मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त भी हो गया है, ऐसे में मरम्मत कार्य में भी समय लग सकता है।