महाकुंभ में कोविड जांच फर्जीवाड़ा…पुलिस ने ED से कम बनाए मुल्जिम, चार्जशीट की होगी समीक्षा

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर बड़े स्तर पर रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट कराए गए। देशभर में कोविड जांच फर्जीवाड़े सामने आए। इसी बीच जुलाई 2021 में हरिद्वार का मामला भी खुल गया।

हरिद्वार महाकुंभ में कोविड जांच घोटाले में ईडी ने पुलिस से तीन गुना मुल्जिम बनाए हैं। इनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की है। जबकि, पुलिस ने जो मुकदमा दर्ज किया था, उसमें एसआईटी केवल पांच आरोपियों के खिलाफ ही आरोपपत्र दाखिल कर सकी है।

ऐसे में अब आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने पुलिस की चार्जशीट की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। वर्ष 2021 में कोविड महामारी के दौरान हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर बड़े स्तर पर रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट कराए गए। देशभर में कोविड जांच फर्जीवाड़े सामने आए। इसी बीच जुलाई 2021 में हरिद्वार का मामला भी खुल गया। पता चला कि जिनके आधार कार्ड पर निजी प्रयोगशालाओं ने करोड़ों का भुगतान सरकार से लिया है, वह कभी कुंभ आए ही नहीं। ऐसे लाखों की संख्या में लोग सामने आए।

पंजाब के रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत भी की थी। उनके मोबाइल नंबर पर टेस्ट का मैसेज आया। जबकि, उन्होंने ऐसा कोई टेस्ट हरिद्वार में कराया ही नहीं था। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। विशेष जांच दल ने मामले में जांच शुरू की और कुछ समय बाद पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।

मामला मनी लॉन्ड्रिंग का था तो ईडी ने भी इस शिकायत के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी। पिछले दिनों ईडी ने 15 आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। ऐसे में अब आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि पुलिस ने इतने कम मुल्जिम क्यों बनाए हैं, इसकी भी समीक्षा की जाएगी। इसके लिए तत्कालीन विवेचना अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा। इसके बाद ही न्यायालय से अनुमति लेकर दोबारा चार्जशीट दाखिल की जा सकती है।

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