केदारनाथ यात्रा रोकी, श्रीनगर में घरों में घुसा पानी, यमुनोत्री में सड़क धंसने से फंसे श्रद्धालु

उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। केदारनाथ यात्रा रोकी गई है। आने वाले दिनों की बात करें तो 31 जुलाई तक राज्यभर में तेज दौर की बारिश होने की संभावना है। खासकर पर्वतीय इलाकों में, इसके अलावा तेज हवाएं चलने के भी आसार हैं।

बारिश से प्रदेश में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। केदारनाथ यात्रा बाधित है तो वहीं श्रीनगर गढ़वाल में घरों के अंदर पानी घुस गया। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में तेज दौर की बारिश होने की संभावना मौसम विभाग की ओर से जताई गई थी। देहरादून, चम्पावत और नैनीताल जिले के कुछ हिस्सों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि अन्य जिलों में तेज दौर की बारिश होने के आसार हैं

श्रीनगर गढ़वाल नगर निगम के वार्ड 29 भक्तियाना, एनआईटी के पास शुक्रवार देर रात तेज बारिश आफत बनकर बरसी। बारिश का पानी दो घरों के अंदर तक घुस गया। स्थानीय निवासी भास्कर रतूड़ी ने बताया कि शनिवार सुबह 4 बजे जब उनकी पत्नी उठीं तो कमरे में पानी भरा हुआ था। बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग की नाली चोक होने के कारण पानी घरों में घुसा।

केदारनाथ यात्रा बाधित
केदारनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को भी मुश्किल का सामना करना पड़ा। गौरीकुंड से आगे मूसलधार बारिश की वजह से केदारनाथ मार्ग बाधित हो गया है। एहतियात के तौर पर यात्रा रोक दी गई है। वहीं यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाली फूलचट्टी जानकीचट्टी सड़क फूलचट्टी के पास धंसने से आवाजाही बंद हो गई। दोनों तरफ दर्जनों वाहनों पर स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालु फंसे हैं।

अमर उजाला ने 23 जुलाई के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर सिस्टम का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया था, लेकिन सिस्टम की अनदेखी व उदासीनता के कारण सड़क और धंसने व दरारें पड़ने से यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी तक वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। जानकीचट्टी चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर ने बताया कि बड़े वाहनों बस, टैंपों ट्रैवल की आवाजाही बंद हो गई है। छोटे वाहनों की आवाजाही भी जोखिम भरी हो रही है ।

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