एक तरफ जहां सरकारी नौकरी के लिए युवाओं की रेस जारी है, वहीं पात्र अभ्यर्थियों की कमी के कारण दो चरणों की काउंसलिंग के बाद भी कई पद अभी भी खाली हैं।
प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के 2,906 पदों की भर्ती प्रक्रिया के बावजूद विभाग को पर्याप्त पात्र अभ्यर्थी नहीं मिल पा रहे हैं। दो चरणों की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है लेकिन अब भी 1,707 पद खाली हैं।प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 3,000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। अब तक 1,199 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई है, जिसमें आधे से अधिक अभ्यर्थी राज्य के बाहर से डीएलएड किए हुए हैं। कुछ अभ्यर्थियों का मानना है कि बाहरी राज्यों से डीएलएड करने वालों के प्रमाणपत्रों और निवास प्रमाणपत्रों की जांच की जानी चाहिए, जिससे संभावित फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।
1199 अभ्यर्थियों में 650 उत्तराखंड के डीएलएड धारक शुरुआत में भर्ती प्रक्रिया में बीएड और डीएलएड दोनों को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को भी जोड़ा गया। इस पर बीएड अभ्यर्थियों ने विरोध जताया और कोर्ट के फैसले के बाद बीएड को अमान्य कर दिया गया। शिक्षा निदेशक आरएल आर्य के अनुसार दो बार की काउंसलिंग के बाद 1,199 अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है, जिसमें 650 अभ्यर्थी उत्तराखंड से डीएलएड किए हुए हैं।
दिसंबर में शामिल होगा डीएलएड का नया बैच प्रारंभिक शिक्षा के प्रभारी निदेशक आरएल आर्य के अनुसार, शिक्षक भर्ती के लिए पर्याप्त पात्र अभ्यर्थी न मिलने के कारण कुछ पद खाली रह सकते हैं, जिन्हें बाद में नए सिरे से भरा जाएगा। इस बीच, राज्य से डीएलएड कर चुके 650 अभ्यर्थियों का नया बैच भी दिसंबर में शामिल हो जाएगा। जहां तक जांच का सवाल है, राज्य के बाहर से डीएलएड करने वाले सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की सख्ती से जांच की जाएगी।