बुधवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का काफिला सचिवालय से उनके आवास के लिए निकला, लेकिन आवास जाने के बजाए काफिला पुलिस मुख्यालय की ओर मुड़ गया। जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला पुलिस मुख्यालय में प्रवेश हुआ, पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
डीजीपी अभिनव कुमार समेत तमाम आला अधिकारी अपने कार्यालयों से बाहर निकल आए। मुख्यमंत्री प्रदेश में बढ़ रहे महिला अपराध पर नाराज दिखे और सीधे महिला सुरक्षा हेल्पलाइन के कार्यालय में जा पहुंचे। उन्होंने पुलिस की ओर से महिला अपराध पर नियंत्रण के लिए संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली।
वहीं, डकैती और लूट जैसे संगीन अपराधों में की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में भी पूछा। उन्होंने कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने और शांति भंग करने वाले अराजक तत्वों समेत महिला अपराधों से जुड़ी घटनाओं में त्वरित व सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
मतांतरण व लव जेहाद के प्रकरणों पर तत्काल कार्रवाई करने व राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर एडीजी अमित कुमार सिन्हा, वी मुरुगेशन व एपी अंशुमान, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती आदि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने पुलिस के आला अधिकारियों को निर्देश दिए कि उन्होंने जिन थाना क्षेत्र से नौकरी शुरू की थी, वहां एक बार जाकर स्थलीय निरीक्षण करें। बता दें कि आइपीएस को प्रशिक्षण काल में सबसे पहले थाने में तैनाती दी जाती है, उसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण पूरा होता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पुलिस अधिकारी वहां का निरीक्षण कर लें तो उसके बाद संबंधित थाने की पुलिसिंग को सुदृढ़ बनाने के लिए सुझाव दें। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को परंपरागत शैली से हटकर कार्य करने के निर्देश दिए।
महिला आइपीएस को दें जिम्मेदारी
महिला अपराधों पर नियंत्रण और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ महिला आइपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी देने की बात कही। अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान व इंटेलीजेंस व्यवस्था को मजबूत बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने उन क्षेत्रों में निगरानी तंत्र बढ़ाने को कहा, जहां लगातार आपराधिक गतिविधियां बढ़ी हैं। पुलिस कार्मिकों को साइबर अपराध, तकनीक आधारित अन्य प्रशिक्षण समय-समय पर देने के निर्देश भी दिए।