ऋण के जाल में फंसाने और चारित्रिक रूप से पतित करने का काम कर रहे हैं चीनी ऐप

समाज और चारित्रिक पतन के लिए तीन कारक प्रमुख होते हैं जिनमें धन, सम्पत्ति और महिला शामिल है। चिनी ऐप इन्हीं माध्यमों से लोगों को फंसाने का काम कर रहे हैं हालांकि भारत सरकार ने सैकड़ों चीनी ऐप बंद कर दिए हैं लेकिन आज भी यह ऐप आर्थिक, शारीरिक रूप से लोग का शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इन ऐपों के संचालक अधिसंख्यक रूप से हिन्दू नाम से अल्पसंख्यक वर्ग के लोग होते हैं जिनके झांसे में आम आदमी आता है जो पैसे के झांसे में नहीं आता उसे चारित्रिक पतन के लिए ऐसे ऐपों के माध्यम से फंसाया जाता है जिनमें महिला पुरूष शामिल है। भारतीय समाज विशेषकर हिन्दू समाज की स्थिति देखी जाए तो पैसे की जरूरत किसे नहीं होती और जरूरत के लिए लोन कौन नहीं लेता। और फेस्टिव सीजन हो तो ये और भी जरूरी हो जाता है। वैसे भी तो आजकल एप के जरिए इंस्टेंट लोन देने का चलन भी चल रहा है। ये चलन किसी साइबर ठगी वाले चंगुल से कम नहीं है। अगर आप इसमें फंसे तो गहराई तक धंसते जाएंगे। एक आंकलन के अनुसार भारत में 1000 से ज्यादा लोन ऐप्स काम कर रहे हैं। ज्यादातर का कनेक्शन चीन से है। ये चीनी लोन ऐप यूजर के डेटा चुराने से लेकर उनके एडिट न्यूड फोटो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल करने ठगने का खेल भी खेल रहा है। देश में इस बाबत हजारों मामले सामने आ चुके हैैं। अकेले उत्तर प्रदेश के मेरठ में और उत्तराखंड के देहरादून में यूं तो कई मामले आ चुके हैं लेकिन रिपोर्ट नहीं हुई है, इसके ठीक विपरीत मेरठ में 18 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं।
मेरठ की घटना के अनुसार कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले विकास ने यू-ट्यूब पर एक लोन एप का ऐड देखा, जिस पर एक लाख का लोन 18 महीने में चुकाया जाना था। विकास को जरूरत थी तो उसने एप डाउनलोड कर लिया। आधार और पेन कार्ड जैसी जरूरी जानकारी एप पर देने के बाद खाते में पैसे भी आ गए। मगर कुछ ही दिन बाद विकास के पास फोन आने लगे कि वे दो लाख का भुगतान करें नहीं तो उनके फोटो एडिट करके वायरल कर दिए जाएंगे। भुगतान न करने पर विकास के कुछ दोस्तों को एडिट किए गए फोटो भेज दिए गए। विकास ने इस बाबत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है
इसी प्रकार मोदीपुरम निवासी राहुल ने एक एप से 10 हजार का लोन लिया। एक हफ्ते में लोन चुकाया जाना था। मगर चार दिन के बाद से ही ऑरिजनल रकम से पांच गुना यानि 50 हजार का भुगतान करने के लिए अलग-अलग नंबर्स से फोन आने चालू हो गए। पहले गाली-गलौच की गई और बाद में जब राहुल ने भुगतान नहीं किया तो उनकी फैमिली फोटो एडिट कर वायरल करने की धमकी दी गई। पैसे न देने पर राहुल के फोटो एडिट करके न्यूड बनाए गए और फिर परिचित और रिश्तेदारों के बीच वायरल कर दिए गए। राहुल ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है।
देश की मोदी सरकार ने फिर की चीन पर ‘डिजिटल स्ट्राइक, 47 और चाइनीज एप्स पर प्रतिबंद लगाया दिया है। यह मोदी सरकार के अच्छे कामों में शामिल है जिनके माध्यम से सरकार ने जनता की खुली लूट की छूट को बंद किया है। प्रतिबंद के बाद काफी लोगों ने राहत की सांस ली है।
लोन के चक्कर में ज्यादा फंस रहे लोग
चीनी ऐन ऋण के चक्कर में लोगों को ज्यादा फंसा रहे हैं। कई बार लोन लेने वाले को ब्याज समेत 6,000 रुपए लौटाने हैं। इन ऐप्स की ब्याज दर इतनी ज्यादा होती है कि कई बार हफ्ते भर में ही लोन अमाउंट 40-50 हजार रुपए तक पहुंच जाता है। फिर शुरू होता है लोन लेने वाले के साथ ब्लैकमेलिंग और शोषण का खेल, जो उससे कई गुना पैसे ऐंठने तक जारी रहता है। इन ऐप्स की खासियत ये है कि ये 2 हजार से 5-7 हजार रुपए के छोटे-छोटे लोन ही देते हैं इसके लिए आपको ऐप डाउनलोड करना पड़ता है। तब कही आपके अकाउंट में लोन का पैसा आ जाता है। लोन लेने वाले को अपना और अपने परिवार का फोन नंबर ऐप कंपनी से शेयर करना होता है। एक ऐप से लोन लेने के साथ ऐसे ही 20-30 और ऐप्स से आपके पास फोन आने शुरू होते हैं। ये लोग कस्टमर को और लोन देने का ऑफर करते हैं। कई लोग इन ऐप्स से और लोन ले लेते हैं। इन ऐप्स से लिए लोन पर 35 फीसदी तक का इंटरेस्ट रेट लगता है। ड्यू डेट पर किस्त नहीं चुकाने पर अगले दिन से फ्लैट 3 हजार रुपए तक की पेनाल्टी हर रोज लगती है। कई लोग पहला उधार चुकाने के लिए दूसरे ऐप और दूसरा उधार चुकाने के लिए तीसरे ऐप से लोन लेते हैं और इसी के साथ इन लोन ऐप्स के जाल में फंसते चले जाते हैं।

आरबीआई जारी कर चुका है चेतावनी
पिछले साल दिसंबर में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इन इंस्टैंट लोन कंपनियों पर संज्ञान लेते हुए इन ऐप्स को लेकर चेतावनी जारी की थी। आरबीआई ने आम लोगों को अनधिकृत डिजिटल लोन ऐप्स से दूर रहने को कहा था। अपील की थी कि वे किसी अनजान व्यक्ति, अनवेरिफाइड/अनऑथराइज्ड ऐप्स के साथ अपने आरबीआई न शेयर करें।
बीते एक साल में मेरठ से टॉप लोन, रेजरपे, कैश फ्री, किस्त और लेजी पे आदि एप से लोगों के लोन लेने के बाद उन्हें ब्लैकमेल करने और ठगी के मामले सामने आ रहे हैैं। स्थानीय स्तर से लखनऊ पुलिस मुख्यालय को इस बाबत जानकारी दी गई है। इस तरह की सभी एप को बंद कराने की सिफारिश की गई है। सभी मामलों में केस दर्ज कर जांच भी की जा रही है। साइबर सेल द्वारा लगातार ऑनलाइन लोगों से अपील की जा रही है कि किसी भी एप से लोन लेने से पहले उसे वैरिफाइड कर लें कि वह आरबीआई से अधिकृत है या नहीं। इसके लिए जिस एप को इस्तेमाल कर रहे हैं उस एप के किनारे पर तीन डॉट पर क्लिक कर एप्लिकेशन की हिस्ट्री चैक कर लें। अगर यह एप चाइनीज है तो बिल्कुल भी इसका इस्तेमाल न करें।

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