UCC पर हाईकोर्ट का सख्त रुख, सरकार को 6 सप्ताह में देना होगा जवाब !

उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से लागू हुई समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर एक बार फिर विवाद छिड़ गया है. अब इस कानून के कई प्रावधानों को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से छह हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.
UCC को हाईकोर्ट में दी चुनौती

आपको बता दें देहरादून निवासी एल्मसुद्दीन और भीमताल निवासी सुरेश सिंह नेगी ने राज्य सरकार द्वारा पारित यूसीसी के प्रावधानों को चुनौती देते हुए अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं. जिसमें मुस्लिम, पारसी आदि की वैवाहिक व्यवस्था, लिव-इन-रिलेशनशिप समेत यूसीसी के अन्य प्रावधानों को चुनौती दी गई है.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि कुरान के आयतों और उसके सिद्धांतों का पालन करना याचिकाकर्ता के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय का आवश्यक धार्मिक अभ्यास है. मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने और उसका पालन करने का मौलिक अधिकार है.

अल्पसंख्यकों के रीति-रिवाजों की हो रही अनदेखी : याचिकाकर्ता

याचिका में समान नागरिक संहिता के बहाने अल्पसंख्यकों के रीति-रिवाजों की अनदेखी करने का उल्लेख भी है. दायर याचिका में यूसीसी को भारत के संविधान के अनुच्छेद-14, 21 व 25 का उल्लंघन करार देते हुए विवादित प्राविधानों को रद करने की प्रार्थना की गई है.

HC ने सरकार से 6 हफ्ते के भीतर मांगा जवाब

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नरेंद्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य की धामी सरकार और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

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