इन्दिरा गाँधी राष्‍ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में भारतीय वन सेवा के 2022-24 पाठ्यक्रम के परिवीक्षार्थियों के व्‍यावसायिक वानिकी प्रशिक्षण के समापन पर 24 अप्रैल, 2024 को सम्‍पन्‍न दीक्षान्‍त समारोह

इन्दिरा गाँधी राष्‍ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षणरत 2022-24 व्‍यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों का दीक्षान्‍त समारोह 24 अप्रैल 2024 को दीक्षान्‍त गृह, वन अनुसंधान संस्‍थान में सम्‍पन्‍न हुआ।  इस अवसर पर भारत की माननीय राष्‍ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने मुख्‍य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई और परिवीक्षार्थियों को प्रमाणपत्र तथा पदक प्रदान किए।

        इन्दिरा गाँधी राष्‍ट्रीय वन अकादमी के निदेशक डॉ० जगमोहन शर्मा ने निदेशक रिपोर्ट प्रस्‍तुत की।  उन्‍होंने कहा कि यह संस्‍थान पूर्व में इंडियन फॉरेस्‍ट कॉलेज और अब राष्‍ट्रीय वन अकादमी के रूप में 1926 से देश की सेवा कर रहा है।  स्‍वतंत्र भारत के समस्‍त भारतीय वन सेवा अधिकारियों और 14 मित्र राष्‍ट्रों के 365 वन अधिकारियों ने अब तक इस संस्‍थान से प्रशिक्षण प्राप्‍त किया है।  उन्‍होंने बताया कि वर्तमान 2022-24 व्‍यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 99 भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों तथा भूटान के 02 विदेशी प्रशिक्षुओं सहित कुल 101 प्रशिक्षु अधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्‍त किया है।  इन अधिकारियों में से 34 ने 75% से अधिक अंक प्राप्‍त करते हुए ऑनर्स डिप्‍लोमा प्राप्‍त किया। इन अधिकारियों को वानिकी और शासन के विभिन्‍न पक्षों के विषय में प्रशिक्षित किया गया है जिसमें भिन्‍न-भिन्‍न संस्थानों तथा एनजीओ के साथ एनजीओ अटैचमेंट की ट्रेनिंग भी शामिल है। उन्‍होंने अकादमी से पास-आउट होने वाले इन युवा परिवीक्षार्थियों को पूर्ण निष्‍ठा और समर्पण से कार्य करने तथा वनाश्रित निर्धन लोगों की आजीविका सुनिश्चित करने के लिए अपने सर्वश्रेष्‍ठ प्रयास करने की सलाह दी।

उत्‍कृष्‍ट उपलब्धियाँ प्राप्‍त करने वाले परिवीक्षार्थियों को समारोह में विभिन्‍न पुरस्‍कार प्रदान किए गए। आन्‍ध्र प्रदेश संवर्ग के श्री मोह. अब्‍दुल रऊफ शेख बैच के टॉपर रहे।  अन्‍य पुरस्‍कार एवं पदक विजेताओं की सूची संलग्‍न है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्‍ट अतिथि उत्‍तराखंड के राज्‍यपाल लै.जन. गुरमीत सिंह (से.नि.) ने परिवीक्षा‍र्थियों को उनकी सफलता पर बधाई देते हुए आह्वान किया कि आज का दिन आपके कठोर प्रशिक्षण के समापन का ही दिन नहीं है अपितु एक ऐसी यात्रा की शुरुआत भी है जो आपके लिए देश और दुनिया के जीवन में महत्त्‍वपूर्ण बदलाव जाने की चुनौतियों, जिम्‍मेदारियों और अवसरों से भरी है। उन्‍होंने कहा कि पर्यावरण हमारी अर्थव्यवस्था, जन-समुदायों और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य का अभिन्‍न अंग है इसलिए यह जरूरी है कि आप विकास योजनाओं और निर्णय लेने के सभी पक्षों में पर्यावरणीय विचारों को अवश्‍य शामिल करें। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि नए अधिकारियों द्वारा हितधारकों की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा और परस्‍पर संवाद को बढ़ावा के साथ-साथ समुदायों को सशक्‍त बनाने का प्रयास किया जाएगा प्रकृति पर आश्रित समुदाय प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधक स्‍वयं बन सकें।

        कार्यक्रम की मुख्‍य अतिथि भारत की राष्‍ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अपने दीक्षान्‍त भाषण में प्रशिक्षु अधिकारियों को उनकी सफलता पर बधाई दी।  माननीय राष्‍ट्रपति महोदया के दीक्षान्‍त भाषण की प्रति सूचनार्थ संलग्‍न है। दीक्षान्‍त समारोह में केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारी तथा पास-आउट होने वाले अधिकारियों के परिजनों सहित बड़ी संख्‍या में अतिथिगण उपस्थित थे।

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