उत्तराखंड देश के नौ राज्यों में शामिल, जो 2030 तक होंगे खुरपका-मुहपका मुक्त

पशुओं में खुरपका-मुहपका गंभीर रोग है। इसमें पशुओं को तेज बुखार, मुंह में अत्यधिक लार आने के साथ ही मुंह और पैरों में छाले पड़ जाते हैं। जिन राज्यों में पशुओं में यह रोग पाया जाता है, उन राज्यों से विदेशों में दूध, मक्खन, पनीर आदि का निर्यात नहीं हो पाता।

प्रदेश के पशुपालकों के लिए राहत की खबर है, उत्तराखंड को देश के उन नौ राज्यों में शामिल किया गया है, जो 2030 तक खुरपका-मुहपका मुक्त होगा। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ़ उदय शंकर के मुताबिक प्रदेश में 32 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। विभाग की ओर से इसके लिए अभियान चलाया गया है।

पशुपालन विभाग के निदेशक के मुताबिक पशुओं में खुरपका-मुहपका गंभीर रोग है। इसमें पशुओं को तेज बुखार, मुंह में अत्यधिक लार आने के साथ ही मुंह और पैरों में छाले पड़ जाते हैं। जिन राज्यों में पशुओं में यह रोग पाया जाता है, उन राज्यों से विदेशों में दूध, मक्खन, पनीर आदि का निर्यात नहीं हो पाता। टीकाकरण के सातवें चरण के अभियान के तहत 17 नवंबर तक पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। जिसमें बड़े पशुओं में 19 लाख और छोटे पशुओं में 13 लाख 16 हजार पशुओं को टीका लगाया जाएगा।

प्रदेश भर में विभाग की ओर से पशुओं को मुफ्त टीके लगाए जा रहे हैं, विभाग के अधिकारी, कर्मचारी इसके लिए घर-घर जा रहे हैं।
-डॉ उदय शंकर, निदेशक पशुपालन

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