मासूमों को मिला नया परिवार…देवभूमि के 151 बच्चे अलग-अलग राज्यों में, 23 विदेशों में लिए गए गोद

महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में 170 के आसपास दत्तक ग्रहण के आवेदन लंबित हैं। सामान्य प्रक्रिया के तहत पांच साल तक के उन बच्चों को गोद दिया जाता है, जिनके माता-पिता नहीं है या संतान को त्याग चुके हैं।

उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में बिना माता-पिता के पल रहे 174 बच्चों को नया परिवार मिला है। इनमें 23 बच्चों को विदेश में गोद लिया गया है, जिनमें तीन बच्चे दिव्यांग हैं। वहीं 151 बच्चे देश के विभिन्न राज्यों में गोद लिए गए हैं। प्रक्रिया केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण कराती है।

मौजूदा समय में भी राज्य के देहरादून, हरिद्वार और अल्मोड़ा स्थित विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) के केंद्रों पर 22 बच्चे दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया में हैं। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 170 के आसपास दत्तक ग्रहण के आवेदन लंबित हैं।

प्रतीक्षा में करीब दो साल का वक्त लग रहा है। सामान्य प्रक्रिया के तहत पांच साल तक के उन बच्चों को गोद दिया जाता है, जिनके माता-पिता नहीं है या संतान को त्याग चुके हैं। जिन 23 बच्चों को विदेशों में गोद लिया गया है, उनमें ज्यादातर कनाडा, स्पेन, इटली, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड व फ्रांस में गोद लिए गए हैं।

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