उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराधिकार के नियमों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
देहरादून: संतान की मृत्यु के बाद माता-पिता भी उसकी चल-अचल संपत्ति में हिस्सेदारी के हकदार होंगे। राज्य सरकार जल्द ही UCC के लागू होने की तिथि की घोषणा करने को तैयारी में है।
UCC समिति समन्वयक परितोष सेठ ने राज्य समीक्षा से बातचीत में कहा कि यूसीसी लागू होने के बाद पहली बार बेसहारा माता-पिता को भी कानूनी अधिकार मिलेगा। अब तक यह अधिकार केवल पत्नी को ही प्राप्त था, जिसके तहत पति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति और बैंक-बैलेंस पत्नी के नाम हो जाते थे, जिससे माता-पिता बेसहारा रह जाते थे। इस विसंगति को समान नागरिक संहिता समाप्त कर देगी, जिससे माता-पिता भी संपत्ति के हिस्सेदार बन सकेंगे।
सरकार जल्द करेगी यूसीसी लागू करने की तिथि की घोषणा
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के नियमों का ड्राफ्ट शुक्रवार को अंग्रेजी में सरकार को सौंपा गया है। अब इसका अनुवाद कराने के बाद विधि और न्याय विभाग के तकनीकी परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद सरकार मंत्रिमंडल की बैठक कर इसे लागू करने की तैयारी और तिथि की घोषणा कर सकती है। यूसीसी का ड्राफ्ट दो वॉल्यूम और चार हिस्सों में तैयार किया गया है, जिसमें विवाह, विवाह विच्छेद, लिव इन रिलेशनशिप, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और उत्तराधिकार संबंधी नियमों को तय किया गया है। यह नियमावली स्पष्ट करेगी कि इन प्रक्रियाओं का पंजीकरण न करवाने पर क्या कार्रवाई होगी और कितनी सजा हो सकती है। यूसीसी लागू होने के बाद सभी जोड़ों को विवाह पंजीकरण के लिए समयसीमा दी जाएगी, साथ ही उत्तराधिकार कानून में माता-पिता को संतान की संपत्ति में हिस्सा देने जैसे महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे।